Hum Aapke Hain Koun!
2.5 stars
Mini Review:
When you see Renuka Shahane meet Madhuri Dixit, songs and dialog from their famous film together play in your head. Does Madhuri Dixit with Renuka's daughter's heart remain a stranger? Does fulfilling the young girl's wishes make Madhuri a better person? Why is she doing what she does? If this film had been written a little more carefully, then it would not feel so much like it was a throwback of the 90s. It's moralistic, but it's fun. And yes, Madhuri Dixit is beautiful!
Main Review:
(Channelising my inner Vandana Gupte - she plays the mother-in-law to Madhuri Dixit - for the main review)
बहुत ही हसु आता है यह सिनेमा देख के.
माधुरी दीक्षित वैसे ही गोड़ है जैसे वह सलमान खान के साथ दिखती थी. आणि तिची स्माइल वैसे ही किलर है जैसे आधी थी. आधी मतलब बिफोर, आगोदर।
पण मैं पूछती हूँ की यह स्टोरी कब लिखी थी? वीस वर्ष के पहले क्या? सब कितना पुराना लगता है! आम्ही मराठी लोग बहुत ही फॉरवर्ड टाइप के होते हैं. हमारे पुणे में कितनी नौ वार साड़ी बाँधने वाली आज्जी लोग मोटरसाइकिल पर भाजी आणणे को जाती है.
चलो सासुओं के लिए अच्छा है की बहु को पूछते हुए दिखाया है. यह करूँ क्या? वह करूँ क्या! रियल जीवन में कौन पूछता है? और सुमित राघवन जब बोलता है घर का काम करने के बाद जो करो, मेरी तो हार्ट में अटैक ही आ गया था. इतनी सुन्दर बायको पर ऐसा धाक किस मराठी लड़के को होता है?! वह तोह शेली के तरह उसके आगे पीछे घूमता है. असो. फिल्म में गलत दिखाया है. रियल लाइफ में बायको ऐसा रूसती की गाडगीळ से सोने का हार मिलने की बाद ही मानती.
माधुरी की स्माइल आज भी वैसा ही पावर है, बर का!
लेकिन मेक अप थोड़ा कम चलता घर के आत कोई इतना मेक अप पोत के काम करता है क्या? लेकिन मेरी एक यंग मैत्रीण थोड़ा जल के बोली, झुर्रियां छिपाने के लिए रे! वह इंग्लिश विंग्लिश में नहीं लय श्रीदेवी ने नाक पे कुछ विचित्र सा किया था? बेचारी अब नहीं है,तो हम इसी फिल्म के बारे में बोलते हैं.
ये सारे यंग फ्रेंड्स माधुरी को 'दी' क्यों बोलते है? मराठी का अच्छा वर्ड हैं न, ताई. वह वापरने में क्या प्रॉब्लम थी?
और हार्ट ऑपरेशन का यह इतना हाथभर स्कार रहता है. आक्खी लाइफ के लिए. माधुरी के हार्ट के पास कोई स्कार ही नहीं था! दाग अच्छे हैं ऐसा आप लोग ही बोलते हैं, न, फिर ऑपरेशन का दाग क्यों नहीं दिखाया?
लेकिन वह सब छोड़ो. मुझे यह बताओ, कौन सासु आज कल पापड़ बनती है? शी बाई! नसते उद्द्योग! सब सासु आजकल किट्टी पार्टी में जाती है या फिर सीनियर सिटीजन क्लब में. यह चूक दिखाया है.
हाँ कुछ कुछ बहुत हसु आने वाले डायलॉग है. जैसे के माधुरी जब बेटी का टॉप देख के उसे पिशवी कहती है. इसीलिए फिल्म चालेल बर का!
थोड़ी वेगळी है यह फिल्म. मराठी फिल्मवाले सिर्फ शिवाजी पर बनाते हैं, या फिर विठोबा पर. या फिर इतनी गाँव वाली बनाते हैं की कौन इतने पैसे दे कर गाँव के दुःख देखने जाएगा?
हो, आणि ते सगळे 'मी बकेट लिस्ट पूर्ण करायला गेले आणि त्यात मी माला भेटली' टाइप शिकवण इस वैरी बोरिंग हाँ. आणि माय नवरा विल पळून जाईल अगर मैं उसको बोलूं की तुम मेरी बकेट लिस्ट में नहीं हो, क्योंकि तुम मेरे बकेट हो... बाल्टी कौन कहता है यार!
वंदना गुप्ते का काम अप्रतिम हुआ है, और मुझे तो रेणुका शहाणे बहुत अच्छी लगती है. मैं तो बहुत हैप्पी निकली फिल्म देख के. लम्बी लगती है क्योंकि बहुत ओल्ड फैशन टाइप है. जरा गिलने को तकलीफ होती है.
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